संघर्ष करिए ज़िन्दगी से मुँह मत मोड़िए

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अकसर देखने में आता है कि जरा जरा सी बात से परेशान होकर लोग आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं जबकि ये गलत है। कुदरत ने हमें जीवन जीने के लिए दिया है फिर हम क्यों हम थक हारकर, परेशान होकर उस जीवन को खत्म कर लेते हैं ? क्या परेशानियां हमारे मन और मस्तिष्क पर इतना गहरा असर डालती हैं जो हमें आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर करती हैं ?

एक सफल व्यक्ति वही होता है जो परेशानियों से संघर्ष करके अपने आप को मजबूत बनाता है।

Pratima Chak

परेशानियां हर एक के जीवन में आती हैं फिर वो चाहें जीव जंतु हो या मनुष्य। एक सफल व्यक्ति वही होता है जो परेशानियों से संघर्ष करके अपने आप को मजबूत बनाता है।

तनाव पर नियंत्रण कैसे पाएं ?

आत्महत्या का मुख्य कारण तनाव को माना जाए तो गलत नहीं होगा। परेशानियों के कारण ही तनाव उत्पन्न होता है और व्यक्ति के सोचने और समझने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में अगर हमें तनाव पर नितंत्रण रखना है तो जब भी आपको तनाव हो तो आप वो काम करें जो आपको करना पसंद है जैसे आपको जिस तरह के गाने पसंद है उन्हें सुनिए, आपको पजल सॉल्व करना अच्छा लगता है तो पजल सॉल्व करिए, आपको पेंटिंग करनी आती है तो पेंटिंग करिए और सबसे हटकर काम है कि आप कुछ लिखिए फिर वो चाहें कविता, ग़ज़ल या गीत ही क्यों न हो, अगर आपको ये लिखना नहीं भी आता है तो भी लिखने का प्रयास करिए क्योंकि जब आप लिखने पर ध्यान लगायेंगे तो आपका दिमाग सिर्फ वो सोच रहा होगा जो आप लिखना चाहते है। भरोसा मानिये ये लिखने वाला सुझाव तनाव दूर करने में आपकी बहुत मदद करेगा।

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