बार्सिलोना: एक अंतरराष्ट्रीय टेक कॉन्फ्रेंस में मेलबर्न स्थित स्टार्टअप Cortical Labs ने दुनिया का पहला व्यावसायिक जैविक कंप्यूटर CL1 लॉन्च किया है। यह प्रणाली “Wetware-as-a-Service” मॉडल पर क्लाउड-आधारित तकनीक में संचालित होती है और इसमें प्रयोगशाला में विकसित मानव न्यूरॉन्स (मस्तिष्क की कोशिकाएँ) शामिल हैं, जो इनपुट से सीखने में सक्षम हैं।
जैविक कंप्यूटर CL1: एक क्रांतिकारी तकनीक
CL1 को Cortical Labs की पिछली उपलब्धियों के आधार पर विकसित किया गया है। वर्ष 2022 में, इस कंपनी ने मानव न्यूरॉन्स को प्रसिद्ध वीडियो गेम पॉन्ग (Pong) खेलना सिखाने में सफलता प्राप्त की थी। इस तकनीक को और आगे बढ़ाते हुए, CL1 अब विभिन्न क्षेत्रों में नई संभावनाएँ खोल रहा है।
Cortical Labs के मुख्य विज्ञान अधिकारी (Chief Science Officer) डॉ. ब्रेट कागन (Dr. Brett Kagan) का मानना है कि यह तकनीक रोग मॉडलिंग, दवा परीक्षण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विकास में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। उनके अनुसार, जैविक न्यूरॉन्स की अद्वितीय सीखने की क्षमता और दक्षता पारंपरिक AI मॉडलों की तुलना में अधिक प्रभावी हो सकती है।
जैविक AI: संभावनाएँ और चुनौतियाँ
वैज्ञानिकों का मानना है कि बायोलॉजिकल कंप्यूटिंग की अपार संभावनाएँ हैं, लेकिन इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं। पारंपरिक AI मॉडलों की तुलना में, CL1 बहुत कम ऊर्जा की खपत करता है और सीमित मात्रा में डेटा को अधिक कुशलता से प्रोसेस कर सकता है। हालांकि, यह तकनीक अभी अपने शुरुआती चरण में है, और वैज्ञानिक इसके उपयोग को लेकर गहन शोध कर रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यह तकनीक वाणिज्यिक रूप से सफल होती है, तो यह कंप्यूटिंग और चिकित्सा अनुसंधान में एक नई क्रांति ला सकती है। CL1 न केवल पारंपरिक सिलिकॉन-आधारित कंप्यूटिंग का एक वैकल्पिक समाधान पेश करता है, बल्कि भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मानव तंत्रिका विज्ञान के बीच तालमेल स्थापित करने में भी मदद कर सकता है।
निष्कर्ष
Cortical Labs का CL1 जैविक कंप्यूटिंग की दुनिया में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह तकनीक मानव न्यूरॉन्स की क्षमता का उपयोग करके नई संभावनाएँ पैदा कर सकती है और कई क्षेत्रों में गेम-चेंजर साबित हो सकती है। हालांकि, इसके दीर्घकालिक प्रभाव और व्यावहारिक अनुप्रयोगों को समझने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है।