महाकुंभ में चर्चा में आए IIT बाबा पर जूना अखाड़े का प्रतिबंध
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान सुर्खियों में रहे IIT बाबा, जिन्हें इंजीनियर बाबा के नाम से भी जाना जाता है, पर जूना अखाड़े ने प्रतिबंध लगा दिया है। बाबा पर गुरु के प्रति अनुशासनहीनता और अपशब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया गया है। अखाड़े ने स्पष्ट किया कि संन्यास का आधार अनुशासन और गुरु के प्रति समर्पण है, जिसका पालन न करने वालों को संन्यासी नहीं माना जा सकता।
कौन हैं IIT बाबा?
IIT बाबा का असली नाम अभय सिंह है। सोशल मीडिया और मीडिया इंटरव्यू के जरिए वह दावा करते हैं कि उन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की है। मूल रूप से हरियाणा के निवासी अभय सिंह अपने व्यक्तिगत संघर्षों और मानसिक स्वास्थ्य के कारण संन्यास का मार्ग अपनाने की बात कहते हैं। हालांकि, उनके दावों पर कई लोग सवाल उठाते हैं।
बचपन का दर्द और संन्यास का निर्णय
NDTV को दिए इंटरव्यू में अभय सिंह ने अपने बचपन के संघर्षों का जिक्र करते हुए बताया कि उनके माता-पिता के बीच घरेलू झगड़ों ने उन्हें मानसिक आघात पहुंचाया। यही कारण था कि उन्होंने घर बसाने के विचार को त्याग दिया और संन्यास का रास्ता चुना।
जूना अखाड़े का बयान
जूना अखाड़े ने कहा है कि संन्यास में गुरु और अनुशासन का महत्व सर्वोपरि है। अभय सिंह की अनुशासनहीनता और गुरु के प्रति अपमानजनक व्यवहार के कारण उन पर अखाड़े के शिविर में आने-जाने पर रोक लगा दी गई है।
IIT बाबा का यह विवाद न केवल अखाड़े के अनुशासन को लेकर सवाल उठाता है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है।